Naromurar in News
Dainik Jagran | 25 Sept 2015नारोमुरार गांव तक जाने वाली सड़क जर्जर
नवादा। नवादा-नालंदा की सीमा पर अवस्थित प्रखण्ड के नारोमुरार गांव के लोगों को पक्की सड़क नसीब नहीं है। पूर्व से बना सड़क इतना जीर्ण-शीर्ण हो चुका है कि उसमें वाहन चलाना तो दूर पैदल यात्रियों को चलने में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय वारिसलीगंज पहुंचने के लिए 5 किलो मीटर की दूरी तय करने में एक से डेढ़ घंटा लग जाता है।प्रखंड मुख्यालय से पश्चिम दिशा में अवस्थित कुटरी पंचायत का नारोमुरार, शिव गंज, गणेश नगर, जयंत नगर, खिरभोजना गांव समेत नालंदा जिले के कटौना, पलटपुर, लोहराजपुर, गंगापुर आदि गांवों की करीब 20 हजार आबादी के लिए वारिसलीगंज आने जाने का एक मात्र सड़क है। सरकार विभिन्न विकास योजनाएं चलाकर ग्रामीण क्षेत्र को विकसित करने का दावा करती रही है, लेकिन वहीं नारोमुरार गांव व आस-पास की आबादी एक अदद पक्की सड़क बनाने के लिए किसी तारणहार की वाट जोह रही है। ग्रामीण कृष्णनंदन ¨सह कहते हैं कि दो दशक से अधिक समय पहले वारिसलीगंज-खरांठ के बासोचक गांव से होकर गुजरी पौरा नहर के दायां तटबंध को पक्की कर नारोमुरार तक ¨सगल सड़क बनी थी। जो समयान्तराल टूट कर बिखर गई। करीव पांच वर्ष पहले उक्त नहर कि खुदाई हुई तब टूटी सड़क भी जमींदोज हो गई। अब हालात यह है कि अगर रात के समय कोई आफत-विपत आती है तो ग्रामीणों को कंधे के सहारे मरीज को अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में परेशानी अधिक होती है। वैसे अगर सरकारी पहल से रेफरल अस्पताल के बगल से नगर पंचायत के माफी गांव होते हुए सड़क बना दी जाय तो लोगों को बाजार आने में कम दूरी तय करनी पड़ेगी। गांव के लोगों का मानना है कि इस दिशा में एमपी या एमएलए तो ध्यान नहीं दे रहे हैं, सरकारी महकमा भी इस ग्रामीण समस्या के प्रति उदासीन है।
नवादा। नवादा-नालंदा की सीमा पर अवस्थित प्रखण्ड के नारोमुरार गांव के लोगों को पक्की सड़क नसीब नहीं